अनुराग श्रीवास्तव ने फर्जी आईडी और ईमेल से यूनिवर्सिटी को लगाया 120 करोड़ का चूना!!!!!!

फर्जी बैंक मैनेजर और फाइनेंस अफसर बनकर 120 करोड़ की ठगी  AKTU  विश्वविद्यालय में बड़ा घोटाला!!!

AKTU विश्वविद्यालय में 120 करोड़ रुपए की ठगी का मामला सामने आया है, जिसे बेहद योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया। मास्टरमाइंड अनुराग श्रीवास्तव, जिसे ‘नटवरलाल’ कहा जा रहा है, ने पहले बैंक मैनेजर बनकर विश्वविद्यालय प्रशासन के संपर्क में आया और फिर फाइनेंस अफसर बनकर 120 करोड़ रुपए की ठगी की।

फर्जी आईडी और ईमेल से दिया धोखा-

अनुराग ने यूनियन बैंक का ब्रांच मैनेजर बनकर एक्टू (AKTU) प्रशासन से मुलाकात की। उसने फर्जी विजिटिंग कार्ड का इस्तेमाल करते हुए अफसरों को अधिक ब्याज देने का लालच दिया। उसने 3 जून को एक्टू के नाम से यूनियन बैंक में एक फर्जी खाता खोला और उसे खुद संचालित किया। फिर उसने फर्जी ईमेल आईडी का उपयोग कर यूनियन बैंक से 120 करोड़ रुपए अपने फर्जी खाते में ट्रांसफर करा लिए।

साइबर क्राइम ने खोला राज़-

साइबर क्राइम थाने के इंस्पेक्टर बृजेश कुमार यादव ने बताया कि जांच के दौरान फर्जी खाते से जुड़े मोबाइल नंबर और पैन डिटेल्स का पता लगाया गया। यह नंबर सूरत में अर्चना नामक महिला के ससुर देवेंद्र प्रसाद द्वारा उपयोग में था। देवेंद्र की गिरफ्तारी के बाद मामले का पूरा खुलासा हुआ और अन्य आरोपियों की भी गिरफ्तारी की गई।

बैंक की लापरवाही भी आई सामने-

ठगी के दौरान बैंक मैनेजर छुट्टी पर थे और आरोपी शैलेंद्र कुमार रघुवंशी ने मैनेजर से फोन पर बात की थी। पुलिस को शक है कि बैंक के कुछ कर्मचारियों ने रकम ट्रांसफर करने में मदद की हो सकती है। पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है।

विश्वविद्यालय प्रशासन का बयान-

एक्टू के कुलपति प्रोफेसर जेपी पांडे ने बताया कि विश्वविद्यालय ने नियमानुसार यूनियन बैंक में एफडी के लिए पैसा ट्रांसफर किया था। यह बैंक की लापरवाही है, जिसकी वजह से यह ठगी हुई। विश्वविद्यालय ने बैंक को पूरा पैसा वापस करने या एफडी की व्यवस्था करने का अनुरोध किया है।

सुरक्षा उपाय और आगे की योजना-

प्रोफेसर पांडे ने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन चार्टर्ड ऑपरेशनल प्रोसीजर बनाएगा। बैंक से आने वाले व्यक्ति और कागजों की डबल लेयर वेरिफिकेशन की जाएगी। अब पत्र भेज कर बैंक से कोटेशन मंगवाने की बजाय कर्मचारी भेजकर कोटेशन लेंगे ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की संभावना न रहे।

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