वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की चुनौतियाँ: 2024 के बजट से क्या उम्मीदें हैं?

बजट 2024 आर्थिक असमानता और समृद्धि के बीच का संतुलन!!

23 जुलाई को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण राष्ट्रीय बजट पेश करेंगी, जिससे देश के युवाओं, किसानों और आम जनता को बहुत सी उम्मीदें हैं। यह बजट भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और एनडीए गठबंधन के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा होगी, क्योंकि सरकार को गठबंधन सहयोगियों की मांगों और जनता की अपेक्षाओं का संतुलन बनाना होगा।

वित्त मंत्री के लिए चुनौतीपूर्ण कार्य-

निर्मला सीतारमण लगातार सातवीं बार बजट पेश करने वाली देश की पहली वित्त मंत्री बनेंगी। यह बजट ऐसे समय में आ रहा है जब नरेंद्र मोदी सरकार अपने सहयोगियों पर निर्भर है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जैसे नेताओं की मांगें इस बजट में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। इसके अलावा, देश के युवाओं और किसानों में असंतोष बढ़ता जा रहा है, जो 2024 में भाजपा की सीटों को प्रभावित कर सकता है। भारत में आर्थिक असमानता पिछले 100 सालों में अपने चरम पर है। देश की 40% से अधिक संपत्ति पर 1% सबसे अमीर लोगों का कब्जा है। वहीं, 810 मिलियन से ज्यादा लोग मुफ्त अनाज पर निर्भर हैं। आर्थिक असमानता को कम करने के लिए वित्त मंत्री के सामने गंभीर चुनौतियाँ हैं।

युवाओं के लिए रोजगार के अवसर-

शहरों में बेरोजगारी का एक नया रूप देखने को मिल रहा है, जहां प्रोफेशनल डिग्री धारक युवा पर्याप्त रोजगार के अवसर नहीं पा रहे हैं। इसके साथ ही, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने बड़ी संख्या में युवाओं को आकर्षित किया है, जिससे उनके रोजगार की स्थिति अनिश्चित हो गई है। वित्त मंत्री को बजट में युवाओं के लिए स्थायी रोजगार के अवसरों पर ध्यान देना होगा मध्यम वर्ग महंगाई और ऊंची आयकर दरों से परेशान है। वेतनभोगी वर्ग को आयकर में छूट की उम्मीद है, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार हो सके। बजट में बचत और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए नए उपायों की आवश्यकता है।

किसानों की उम्मीदें-

किसानों की औसत मासिक आय 10,000 रुपये से अधिक नहीं है। वे बजट में अपनी उपज के उचित मूल्य की गारंटी और पीएम-किसान योजना के तहत दी जाने वाली राशि में वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। कृषि क्षेत्र में अधिक युवाओं को जोड़ने और पारंपरिक खेती के तरीकों में बदलाव की आवश्यकता है।

1.4 बिलियन लोगों की उम्मीदें-

भारत के 1.4 बिलियन लोगों की उम्मीदों को पूरा करना आसान नहीं है। बजट को 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने के विजन के साथ तैयार किया जाना चाहिए। इसमें विकास को नीचे से ऊपर की ओर ले जाने वाली नीतियों का समावेश होना चाहिए। वित्त मंत्री के बजट भाषण में रोजगार, शिक्षा, कृषि और मध्यम वर्ग की चिंताओं को संबोधित करते हुए दीर्घकालिक दृष्टिकोण दिखाना चाहिए। यह बजट न केवल आर्थिक असमानता को कम करने की दिशा में एक कदम हो सकता है, बल्कि देश के हर वर्ग की उम्मीदों को पूरा करने में भी सहायक साबित हो सकता है।

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