“योग से स्वस्थ हो रहे शुक्राणु एम्स की रिसर्च में निसंतान दंपत्तियों को मिली खुशखबरी”

एम्स की रिसर्च में खुलासा,योग से स्वस्थ हो रहे शुक्राणु, निसंतान दंपत्तियों के घर गूंजी किलकारियां!!!

दिल्ली एम्स:- (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) के एक हालिया अध्ययन में पाया गया है कि योग के अभ्यास से निसंतान दंपत्तियों को संतान सुख प्राप्त हो सकता है। इस अध्ययन ने बताया कि बढ़ती उम्र, बदलती जीवनशैली और तनाव के कारण गर्भधारण और गर्भपात की समस्याएं बढ़ रही हैं। लेकिन योग के माध्यम से इन समस्याओं को दूर किया जा सकता है।

अध्ययन के महत्वपूर्ण निष्कर्ष

एम्स के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग ने 239 महिलाओं पर एक अध्ययन किया, जो बार-बार गर्भपात की समस्या से जूझ रही थीं। जांच में कोई ठोस विकार नहीं पाया गया और सभी महिलाएं हर पैरामीटर पर स्वस्थ थीं। इसके बाद, इन महिलाओं को शरीर रचना विभाग में भेजा गया, जहां उनके पतियों की भी जांच की गई। इस जांच में स्पर्म जिनोमिक इंटीग्रिटी, स्पर्म के डीएनए की गुणवत्ता, जीन एक्सप्रेशन, टेलोमेरे की लंबाई, स्पर्म काउंट और तनाव के स्तर सहित अन्य कई परीक्षण शामिल थे।

योग का सकारात्मक प्रभाव

डॉ. रीमा दादा के नेतृत्व में हुए इस अध्ययन में 60% दंपत्तियों को योग के कार्यक्रम में शामिल किया गया। पतियों को डॉक्टर की निगरानी में 6 सप्ताह तक रोजाना 2 घंटे योग कराया गया। सत्र पूरा होने के बाद, पुरुषों की पुनः जांच की गई और परिणाम सकारात्मक रहे। पतियों के स्पर्म के डीएनए की गुणवत्ता में सुधार हुआ, आरएनए एक्सप्रेशन सामान्य हुआ, डीएनए की खराब होने की दर घटी और टेलोमेरे की लंबाई में भी सुधार आया। इसके परिणामस्वरूप, इन पुरुषों की पत्नियां आसानी से गर्भधारण कर पाईं।

अध्ययन से यह स्पष्ट हुआ कि बच्चा ना होने के पीछे केवल महिलाएं ही नहीं, बल्कि पुरुष भी कारण हो सकते हैं। इसलिए, यदि किसी दंपत्ति को गर्भधारण में समस्या हो रही है, तो उन्हें पूरी जांच करवानी चाहिए। डॉक्टरों की सलाह और योग के माध्यम से वे आसानी से संतान प्राप्त कर सकते हैं।

संतान सुख का नया मार्ग:-

एम्स का यह अध्ययन निसंतान दंपत्तियों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है। योग के नियमित अभ्यास से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि मानसिक तनाव भी कम होता है, जिससे दंपत्तियों के जीवन में खुशियां लौट सकती हैं।

इस रिसर्च ने यह साबित कर दिया है कि योग से न सिर्फ पुरुषों के शुक्राणुओं की गुणवत्ता बेहतर होती है, बल्कि गर्भधारण में भी सफलता मिलती है, जिससे निसंतान दंपत्तियों के घर में किलकारियां गूंज सकती हैं। 

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