2022 के अंत में चीनी सरकार ने कोविड-19 के प्रसार पर अपने सख्त नियंत्रण हटाकर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया।
इसका नतीजा यह हुआ कि फैक्ट्रियाँ फिर से चालू हो गईं और सड़कों पर कारों की संख्या बढ़ गई। हालांकि, यह जलवायु के लिए चिंताजनक साबित हुआ। 2023 में चीन का कार्बन-डाइऑक्साइड उत्सर्जन 4.7% बढ़कर रिकॉर्ड 12.6 बिलियन टन हो गया। वैश्विक उत्सर्जन में चीन का हिस्सा एक तिहाई से भी अधिक हो गया।
हालांकि, अब चीन के उत्सर्जन में गिरावट देखने को मिल रही है। विशेषज्ञ समाचार वेबसाइट कार्बन ब्रीफ़ द्वारा प्रकाशित विश्लेषण के अनुसार, मार्च में चीन का उत्सर्जन साल दर साल 3% घटा, जो पिछले 14 महीनों में पहली गिरावट थी।
शुरुआती डेटा से संकेत मिलता है कि अप्रैल में भी उत्सर्जन में कमी आई थी। यदि यह प्रवृत्ति जारी रहती है, तो संभावना है कि चीन का उत्सर्जन 2023 के स्तर को फिर कभी नहीं छू पाएगा। दूसरे शब्दों में, यह संभव है कि चीन ने अपने चरम उत्सर्जन को छू लिया हो।
विशेषज्ञ इस संभावित बदलाव पर बारीकी से नजर रख रहे हैं, और अगर मौजूदा रुझान बरकरार रहते हैं, तो यह चीन और वैश्विक जलवायु के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।