अगले साल अमेरिका भारत के चार लाख लोगों को नागरिकता दे सकता है माना जा रहा है कि 2030 तक प्रवासी भारतीय अमेरिका में सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय बन जाएगा

एक नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार अगले साल अमेरिका भारत के चार लाख लोगों को नागरिकता दे सकता है माना जा रहा है कि 2030 तक प्रवासी भारतीय अमेरिका में सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय बन जाएगा यह अमेरिका की नजर में भारतीय की बढ़ती अहमियत को भी संकेत है.

अमेरिका अगले 6 साल में सबसे बड़ा होगा भारतीय समुदाय:-

हाल ही में युवा सिटीजनशिप एंड इमीग्रेशन सर्विसेज द्वारा जारी सालाना प्रगति रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका ने साल 2023 में 8.7 लाख विदेशी नागरिकों की अमेरिकी नागरिकता प्रदान की है इनमें से 59100 लोग भारतीय हैं या मेक्सिको 1.1 लाख के बाद दूसरा सबसे बड़ा नंबर है वहीं अमेरिका जन जागरण ब्यूरो और न्यूयॉर्क मेयर ऑफिसर के इमिग्रेशन एक्सपर्ट जॉन पर ऑडियो के अनुसार अगले साल अमेरिकी नागरिकता पाने वाले भारतीय पहले नंबर पर रहेंगे उनके अनुसार 2025 में ग्रीन कार्ड होल्डर भारतीयों की संख्या चार लाख से अधिक हो जाएगी और इससे यह सभी अमेरिकी नागरिकता हासिल करने के पात्र बन जाएंगे गैर तलब है कि चीनी अमेरिकी के बाद भारतीय अमेरिका वहां रहने वाला दूसरा सबसे बड़ा एथेनिक समूह है हालांकि जिस प्रगति से वहां भारतीयों की संख्या बढ़ रही है उसे मान जा रहा है कि साल 2030 तक प्रवासी भारतीय अमेरिका में सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय बन जाएगा

भारतीय कारोबारी का निवेश 40 अरब डॉलर:-

कनफेडरेशन का इंडियन इंडस्ट्री ने अमेरिका में भारतीय कंपनियों के कारोबारी गतिविधियों पर एक सर्वे रिपोर्ट इंडियन रूट अमेरिकन सॉइल 2023 जारी की हर 2 साल में जारी इस रिपोर्ट से पता चलता है कि अमेरिकी की जमीन पर भारतीयों की जड़े खासकर कारोबार से सिलसिले में कितनी गहरी है मार्च में जारी नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार इस सर्वे में अमेरिका में कार्यरत 163 बड़ी भारतीय कंपनियों को शामिल किया गया है इन कंपनियों ने अमेरिका में 40 अरब डॉलर का निवेश कर रखा है जो भारतीय मुद्रा में 3.35 लाख करोड रुपए के बराबर है या भारत में साल 2023 2024 में एकत्र कल जीएसटी राजस्व लगभग 20 लाख करोड रुपए का करीब 18 पीस दिया है उनके कारोबार की वजह से 4.25 लाख लोगों के प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर निर्मित हुए हैं जबकि लाखों अन्य लोगों को परोक्ष का मिल रहा है रिपोर्ट के मुताबिक इन कंपनियों न भी 1 अरब डॉलर से अधिक का निवेश कर रखा है इन कंपनियों में से कुल 40 फ़ीसदी कंपनियां तो केवल हेल्थ केयर और आईटी की फील्ड में ही कार्य करती हैं.

यहां भी छोड़ी है अपनी छाप यूनिकॉर्न स्टार्टअप:-

यूनिकॉर्न स्टार्टअप उसे कहते हैं जिसका वैल्यूएशन एक अरब डॉलर को पार कर जाता है अमेरिका के कुल यूनिकॉर्न स्टार्टअप में 44 फीस दी यूनिकॉर्न प्रवासियों ने खड़े किए हैं और इनमें भी सबसे आगे भारतीय हैं वर्ड ऑफ स्पेसिफिक के अनुसार वहां के 90 यूनिकॉर्न स्टार्टअप ओवरसीज इंडियंस के हैं जबकि 64 यूनिकॉर्न के साथ इजरायल के प्रवासी दूसरे नंबर पर हैं.

शिक्षा पर खर्च केवल अमेरिका में रहने वाले ओवरसीज इंडियंस का ही नहीं बल्कि भारत में से अमेरिका पढ़ने जाने वाले भारतीय छात्रों का भी अमेरिका अर्थव्यवस्था में जबरदस्त योगदान रहता है स्टेट ब्यूरो आफ एजुकेशन एंड कल्चरल की 2022 और 2023 की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी अर्थव्यवस्था में भारतीय छात्र हर साल 7.7 अरब डॉलर का योगदान देते हैं

प्रशासन में भी ऐसा है भारतवंशियों का दबदबा:-

अमेरिका के हाउस ऑफ  रिप्रेजेंटेटिव के कुल 15 एशियाई मूल के सदस्य में से पांच सदस्य भारतवंशी हैं और यह स्थिति तब है जब वहां मतदान करने के पात्र कल लोगों में से एक फ़ीसदी भी से भी काम मतदाता भारतीय मूल के हैं कल 4424 करोड़ मतदाताओं में से केवल 22 लाख वर्ष इस इंडियन इससे पहले ट्रंप की सरकार में अनेक भारतवंशी निक्की हिला सीमा वर्मा अजीत पाई रास्ता सहित कम से कम 80 कम कर चुके हैं जो जो से गार्डन के सरकार में कई भारतवंशी कमला हैरिस नीरज टंडन वनिता गुप्ता वेदांत पटेल समिति 130 प्रमुख पदों पर कार्यरत है या पूरे पूर्व में काम कर चुके हैं

40 साल में अमेरिका में प्रवासी भारतीयों की संख्या 12 गुना बड़ी है:-

1980 में 3.61 लाख

1990 में 8.1 लाख

2000 में 16.7 लाख

2010 में 28.43 लाख

 2020 में 46.60 लाख

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