क्योटो में पर्यटकों की बढ़ती संख्या से शांति भंग, जापान की संस्कृति पर असर!!!!

जापान में विदेशी पर्यटकों की भीड़ से स्थानीय लोग परेशान,और शांति भंग!!!

जापान हाल के दिनों में विदेशी पर्यटकों की भारी भीड़ से जूझ रहा है। कोरोनावायरस प्रतिबंधों में ढील और जापान की मुद्रा येन के कमजोर पड़ने के कारण विदेशी पर्यटक बड़ी संख्या में जापान आ रहे हैं। मार्च में जापान ने 30 लाख विदेशी पर्यटकों का स्वागत किया, जो मार्च 2019 की तुलना में 10% अधिक है, और यह एक नया रिकॉर्ड है। इन विदेशी पर्यटकों में से दो तिहाई दक्षिण कोरिया, ताइवान और चीन से हैं।

पिछले साल, विदेशी पर्यटकों से हुई आमदनी ने जापान की GDP में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

हालांकि, विदेशी पर्यटकों के व्यवहार से जापानी लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। भारी भीड़ के कारण जापान की प्राचीन शाही राजधानी क्योटो में अक्सर स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाती है। इसके अलावा, पर्यटकों के नए-नए इलाकों में जाने से वहां भीड़ बढ़ जाती है, जैसे कि माउंट फूजी के पास के छोटे शहरों में, जहां पहले कभी पर्यटक नहीं जाते थे।

क्योटो में, पर्यटकों की बढ़ती मांग के कारण होटल इतने महंगे हो गए हैं कि स्थानीय लोगों को वहां ठहरने में कठिनाई हो रही है। इसके अलावा, बसों और रेस्तरां में बड़ी भीड़ के कारण भी स्थानीय लोग परेशान हो रहे हैं। पिछले महीने, 65 वर्षीय हिरोशी वन को एक खास जगह तक बस पहुंचाने में 3 घंटे ज्यादा लगे, क्योंकि विदेशी पर्यटक पैसे गिनकर दे रहे थे, जिससे बस को रोकना पड़ा। वन कहते हैं, “क्योटो में ऐसा लगता है कि रोज उत्सव हो रहा है। ऐसे में हम शांति से अपना जीवन नहीं बिता सकते।”

जापानियों की यह भी शिकायत है कि बाहरी पर्यटक स्थानीय परंपराओं का सम्मान नहीं करते। कभी वे फोटो खींचने के लिए गेशाओं का पीछा करते हैं तो कभी चलते-चलते खाते हैं, जिसे जापान में असभ्य माना जाता है। क्योटो के एक भीड़भाड़ वाले इलाके में, पर्यटकों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए स्थानीय अधिकारियों ने देर रात घर से बाहर शराब पीने पर रोक लगा दी है। क्योटो के बाजार में एक उद्यमी ने अपने रेस्टोरेंट के बाहर अंग्रेजी में “व्हाइल वॉकिंग, नो ईटिंग” (चलते हुए खाना न खाएं) का बोर्ड लगा दिया है।

हाल ही में, क्योटो में एक मशहूर मोची दुकान में दो विदेशी पर्यटक जिस तरह से शोर मचाते हुए घुसे, उससे दुकानदार नाराज हो गए। उनका कहना था कि उनकी दुकान उन लोगों का स्वागत नहीं करती जो जापानी भाषा और संस्कृति का सम्मान नहीं करते।

जापान के लोग इस बात से परेशान हैं कि विदेशी पर्यटकों के व्यवहार के कारण उनकी शांत और सुसंस्कृत जीवनशैली प्रभावित हो रही है। भीड़भाड़ और असभ्य व्यवहार से स्थानीय लोगों की जिंदगी में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है, और इससे निपटने के लिए जापान को नए उपायों की जरूरत है।

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