सुप्रीम कोर्ट का तीन नए अपराधी कानून के खिलाफ याचिका पर सुनवाई से इनकार,

अदालत ने कहा अभी तो नए कानून लागू भी नहीं हुए ,

सुप्रीम कोर्ट सोमवार को तीन नए अपराधी कानून की वैधानिकता चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया कहा कि अभी तो नए कानून लागू भी नहीं हुए कोर्ट का नकारात्मक रूप देखते हुए याचिका करता ने अपनी अर्जी वापस ले ली.

वकील विशाल तिवारी ने कोर्ट में याचिका दाखिल करती ने अपराधी कानून को चुनौती दी थी साथी कानून पर रोक लगाने की मांग भी की थी तिवारी की याचिका सोमवार को न्याय मूर्ति बेला एवं त्रिवेदी पंकज मित्तल की अवकाश कालीन पीठ में सुनवाई के लिए लगी थी बैठने का भी तो कानून लागू भी नहीं हुए याचिका खारिज कर रही है पेट ने कहा कि याचिका बहुत ही हल्के तरीके से दाखिल की गई जब विशाल तिवारी ने आज का प्रवास करनी चाहिए गरबा मामले पर बहस करेंगे

आज का जुर्माना सहित खारिज की जाएगी पीठ का नकारात्मक रूप देखते तिवारी ने आज का वापस लेने की हिम्मत मांगे यह कोर्ट ने स्वीकार कर लिया सांसद ने पिछले साल दिसंबर में तीन नए अपराधी कानून का भारतीय न्याय संहिता भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता भारतीय साक्षात नियम को मंजूरी दी थी इन कानून को राष्ट्रपति ने दिसंबर में ही मंजूरी दे दी थी.

जो कानून 1 जुलाई से लागू होने वाले हैं एक कानून आईपीसी सीआरपीसी भारतीय साक्षात नियम की जगह लेंगे विशाल तिवारी ने आज का में तीन ही नए कानून को चुनौती देते हुए कहा था कि ने संसद में बिना चर्चा के पारित किया गया है क्योंकि उसे समय अधिकतर विपक्षी सदन निलंबित है याचिका में मांग की गई थी कि कोर्ट एक विशेष समिति गठित करें तीनों कानूनी व्यावहारिकता का आकलन करें और देश में लागू करने के लिए प्रतिकूल स्थापित करें.

 

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